आपके जीवन का लक्ष्य क्या है? (What is Your Goal in Life?)
हम सब लोग आज कल अपनी-अपनी ज़िंदगी में बहुत व्यस्त होते जा रहे हैं। सबकी अपनी समस्याएं हैं, फिर चाहे वो बच्चे होया घर के बड़े। रोज़ सुबह उठकर हम काम पे जाते हैं, दिन भर थक कर घर आते हैं, परिवार के साथ कुछ वक़्त बैठकर, फिर अगले दिन की तैयारियाँ करने लगते हैं । इसी तरह विद्यार्थीयों को पढ़ाई की चिंता सताती है, कभी परीक्षा तो कभी किसी प्रोजेक्ट की तैयारी ।रोज़ की इस भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कभी आपने ठहर के दो पल ये सोचा है कि आप किस दिशा की और जा रहे हैं? या आपके जीवन का लक्ष्य (Goal) क्या है? जिस के लिए आप इतनी मेहनत कर रहे हैं ।
सच कहूँ तो दोस्तों हम में से ज्यादा तर लोग ना तो अपने जीवन का कोई लक्ष्य निर्धारित करते हैं और ना ही इसकी महत्ता को समझ पाते हैं । जबकि बिना लक्ष्य जीवन किसी काम का नहीं है, क्योंकि लक्ष्य वो कार्य होता है जिस के पूरा होने की इच्छा हमअपने दिल में दबाये रहते हैं, बस कोशिश नहीं करते क्योंकि वो हमें असंभव सा या कठिन प्रतीत होता है । जबकि जीवन का लक्ष्य अगर सामने हो तो मेहनत करना अच्छा भी लगता है, आसान भी होता है और हम इस में काफी हद तक सफल भी हो जाते हैं । लक्ष्य निर्धारण के पश्चात हमें मेहनत करने के लिए एक सही दिशा ज्ञात होती है ।
लक्ष्य कुछ भी हो सकता है । हम आपको कुछ उदाहरण देकर बताते हैं – एक विद्यार्थी के लिये – एक नई कला सीखना, परीक्षा में अव्वल आना, खेल के मैदान में जीत हासिल कर माँ-बाप को गौरवान्वित करना । एक कंपनी में काम कर रहे व्यक्ति के लिए – मेहनत कर प्रमोशन पाना, खुद का घर खरीदना, अपने परिवार को पूरी दुनिया घुमाना, इत्यादि । और एक गृहिणी के लिए – अपने परिवार की बेहतर देख रेख करना या खाली समय में पार्ट टाइम नौकरी कर अपने पति की चिंताओं को कम करना। यह कितना भी छोटा या बड़ा हो सकता है ।
जीवन का लक्ष्य निर्धारित करने के लिए सबसे पहले ज़रूरी है कि आप अपनी सोच सकारात्मक (Positive) रखें, अपने मन पर कोई पाबंदियां ना लगाएं और अपने दिल को झकझोरें और जानने का प्रयास करें कि वो कौन सी चीजें हैं जो आपके चेहरे पर एक बहुत प्यारी सी मुस्कान ले आती हैं, अगर आप ये जानते हैं तो यकीन मानिए दोस्तों आपकी सारी राहें खुल जाएँगी ।
आप ये मत सोचिये कि आप अपना लक्ष्य कैसे पूरा कर पाएंगे? क्या कुछ आपको उसके लिए चाहिए होगा । बस ये तय कीजिये कि आपको क्या करने में ख़ुशी मिलेगी और उस वक़्त एक छोटे बच्चे के बारे में सोचिए, जो चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आये उस चीज़ का पीछा नहीं छोड़ता जो उसे हासिल करने होती है । कई बार वो गिरता है, कई बार रोता है पर उस चीज़ को पाकर ही रहता है । और उसे हासिल करने के बाद उसका चेहरा चमक उठता है ।
हम सभी जानते हैं की जीवन को जीने के दो ही तरीके हैं – पहला, जो हो रहा है उसे होने दें और आप भी उसी प्रवाह में चलें और दूसरा, हिम्मत कर उसे बदलें और अपना लक्ष्य निर्धारित (Goal Setting) कर अपनी राहें खुद बनाएं । लक्ष्य निर्धारण के बाद आपको सबसे पहले स्वयं के लिए वक़्त सुनियोजित करने की आवश्यकता है कि इस लक्ष्य की प्राप्ति हेतु आपको कितना समय चाहिए? अगर लक्ष्य (Goal) ऐसा होगा जिसका सपना आपने हमेशा से देखा है तो आप उसको पूरा करने के लिए स्वयं कड़ा प्रयास करेंगे ।
अब आपको लक्ष्य पूरा करने हेतु जो कार्य करने हैं उनकी योजना बनानी है । आप बस यही सोचिये कि लक्ष्य की प्राप्ति के बाद आप कहाँ खड़े हैं, आप कितने खुश हैं, तब आपको लगेगा “आसान है” । अब दिमाग पर ज़ोर डालिए और सोचिये कि यहाँ तक पहुँचने के लिए आपको कौन-कौन से कार्य करने होंगे । इन सभी कार्यों की सूची बनाकर रखें, ये आपको बहुत सहायता प्रदान करेगी । अगर आप कभी लक्ष्य से थोड़ा भटक भी जायेंगे तो पुन: आपको प्रेरित (Inspire) करेगी और याद दिलाएगी कि आपको अपना एक सपना पूरा करना है ।
अब हम आपको बताते हैं की लक्ष्य का महत्व क्या है । दोस्तों कभी आपने सोचा है कि आपका दिन कैसे आरम्भ होता है । आपको पता होता है कि आप कहाँ जा रहे हैं जैसे आप विद्यालय जा रहे हैं तो आप जानते हैं की कौन सा रास्ता आपको विद्यालय की और ले जा रहा है और आप बिना अपने रास्ते से भटके अपनी मंज़िल तक पहुँच जाते हैं । कभी आपने सोचा है कि अगर आपको रास्ता ही पता नहो तो आप जायेंगे कहाँ? इसी तरह आपको जब यह मालूम ही ना हो की ज़िंदगी में आप की मंज़िल क्या है? कहाँ आप जाना चाहते हैं? तो कल को कहाँ पहुँचेंगे ।
जब मंज़िल ही न हो तो रास्ता कोई भी हो क्या फर्क पड़ता है । इसीलिए ज़रा थमिए और ज़रा सोचिये इस बात को, कि जो मेहनत कर रहे हैं वो क्यूँ कररहे हैं, ये कठिन परिश्रम (Hard Work) आपको कहाँ ले जाएगा? उसी समय आप आप समझ पाएंगे की लक्ष्य क्या और कैसा होना चाहिए और उसको होना कितना महत्वपूर्ण है ।
अक्सर हर इंसान सफलता (Success) की सीढ़ी चढ़ना चाहता है पर कभी अपने आप से पूछा है कि क्या करने के बाद आप खुद को सफल (Successful) मानेंगे । क्योंकि संसार आपको कैसे सफल मानेगा ये महत्वपूर्ण नहीं है, ज़रुरी ये है कि आप स्वयं को कैसे सफल मानेंगे । जिस दिन आप खुद से ये प्रश्न पूछेंगे उसी दिन आपको अपना लक्ष्य अपने सामने स्पष्ट रूप से नज़र आएगा।
लक्ष्य का होना बहुत महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि जब आपको लक्ष्य पता होगा तो आपकी मेहनत सही दिशा की ओर होगी। ये आपको हर समय अविचलित रखेगा कि आने वाले समय में आपको क्या करना है फल स्वरूप आपका ध्यान कहीं और नहीं भटकेगा, साथ ही आपको चिंता होगी कि अपने लक्ष्य प्राप्ति हेतु अब आपके पास सिर्फ कुछ ही समय शेष है । लक्ष्य आपको हर समय मज़बूत बनाएगा ताकि आप अपनी राह पर चलते समय थकें नहीं ।
तो दोस्तों अब आप समझ गए होंगे कि जैसे फुटबाल के खेल में Goal किये बिना आगे नहीं बढ़ सकते ठीक वैसे ही जीवन में एक Goal के बिना आगे बढ़ना पूर्णत: व्यर्थ है । लक्ष्य निर्धारित कर, उसके लिए कड़ी तपस्या करने से भविष्य में ना सिर्फ आप सफलता (Success) प्राप्त करेंगे, बल्कि आप प्रसन्न भी होंगे कि आपका मनवांछित लक्ष्य पूरा हुआ, आपकी एक इच्छा पूरी हुई और सबसे बढ़कर आपको स्वयं पर गर्व होगा। और दोस्तों किसी प्रबल इच्छा का पूर्ण होना कितना सुखदायी होता है ये तो आप सब भी भली-भांति जानते हैं ।
चलिए दोस्तों फिर देर क्यों करें, बच्चे हो या बड़े, अपने जीवन को व्यर्थ न गंवाकर, आज ही अपना एक लक्ष्य निर्धारित (Goal Setting) करें और उड़ चलें अपनी सफलता तथा अपने सपनों की ओर ।